क्या डार्क मोड सच में बढ़ाता है बैटरी लाइफ? या फिर है यह एक Myth - जानिए जवाब

कई लोगों का मानना है कि डार्क मोड का इस्तेमाल करने से बैटरी बचता है। हालांकि डार्क मोड को इसलिए भी पसंद किया जाता है क्योंकि यह आंखों के लिए, खासकर रात में, ज्यादा आरामदायक होता है।

क्या डार्क मोड सच में बढ़ाता है बैटरी लाइफ? या फिर है यह एक Myth - जानिए जवाब

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Dark Mode vs Light Mode: आजकल लोग अपने फोन, कंप्यूटर और दूसरे गैजेट्स पर डार्क मोड या फिर लाइट मोड का इस्तेमाल करते हैं। यह दोनों सबसे लोकप्रिय सेटिंग्स में से एक है।

 

कई लोगों का मानना है कि डार्क मोड का इस्तेमाल करने से बैटरी बचता है। हालांकि डार्क मोड को इसलिए भी पसंद किया जाता है क्योंकि यह आंखों के लिए, खासकर रात में, ज्यादा आरामदायक होता है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि क्या सच में, डार्क मोड के इस्तेमाल करने से आपको अधिक बैटरी बैकअप मिलती है या फिर यह सिर्फ एक मिथ्य (Myth) है? चलिए आसान भाषा में जानते हैं।

 

क्या है डार्क मोड?

 

डार्क मोड स्क्रीन के रंग को बदलता है। डार्क मोड में बैकग्राउंड काला या गहरा स्लेटी हो जाता है, और टेक्स्ट और आइकन सफेद या हल्के रंग के हो जाते हैं।

 

आजकल, लगभग सभी ऐप्स और गैजेट- जैसे फोन, टैबलेट और कंप्यूटर यूजर्स को डार्क मोड और लाइट मोड के बीच चुनने की सुविधा देते हैं। यहां तक कि यूजर्स को डार्क मोड या लाइट मोड को दिन और रात के दौरान अपने आप बदलने के लिए सेट करने का ऑप्शन भी मिलता है।

लोग डार्क मोड का इस्तेमाल क्यों करते हैं?

डार्क मोड दो बड़े कारणों से लोकप्रिय है। पहला, लोग अक्सर इसे अपनी आंखों के लिए ज्यादा आरामदायक पाते हैं, खासकर जब वे किसी कम रोशनी वाले कमरे में हों या रात में अपने डिवाइस का इस्तेमाल कर रहे हों। दूसरा, कई लोगों का मानना ​​है कि इससे डिवाइस दोबारा चार्ज करने से पहले ज्यादा समय तक चल सकते हैं। लेकिन क्या इन बातों में वाकई सच्चाई है?

डार्क मोड और बैटरी लाइफ

कई लोगों का मानना है कि डार्क मोड उनके फोन या टैबलेट की बैटरी को ज़्यादा समय तक चलने में मदद कर सकता है, लेकिन यह कितना मददगार है, यह मुख्य रूप से डिवाइस की स्क्रीन के प्रकार पर निर्भर करता है। 

 

ज्यादातर नए फोन OLED या AMOLED स्क्रीन का इस्तेमाल करते हैं। ये स्क्रीन हर पिक्सेल (तस्वीर बनाने वाले छोटे बिंदु) को अलग-अलग प्रकाशित करती हैं। जब स्क्रीन पर काले या गहरे रंग दिखाई देते हैं, तो पिक्सेल कम बिजली की खपत करते हैं या पूरी तरह से बंद भी हो जाते हैं।

 

इन स्क्रीन के लिए, डार्क मोड का इस्तेमाल करने से वास्तव में पावर की बचत होती है जिससे बैटरी थोड़ी अधिक चलती है। कुछ रिसर्च के मुताबिक लाइट मोड से डार्क मोड पर स्विच करने से बैटरी की बचत हो सकती है, लेकिन ज्यादातर सामान्य इस्तेमाल में, यह अंतर बहुत ज्यादा नहीं होता।

 

मीडियम ब्राइटनेस पर बचत आमतौर पर 3% से 9% के बीच होती है। वहीं दूसरी ओर, अगर स्क्रीन बहुत ज्यादा ब्राइट है (जैसे 100% ब्राइटनेस), तो डार्क मोड लाइट मोड की तुलना में 40% या उससे भी ज्यादा कम पावर का इस्तेमाल कर सकता है। 

 

इसलिए, अगर ब्राइटनेस कम या मीडियम है, तो डार्क मोड मदद तो करता है, लेकिन बहुत कम। अगर डिवाइस में सामान्य एलसीडी स्क्रीन (जो अब भी कुछ लैपटॉप और बजट फोन में आम है) इस्तेमाल हो रही है, तो डार्क मोड बैटरी बचाने में कोई खास मदद नहीं करता, क्योंकि ये स्क्रीन पूरे डिस्प्ले को रोशन कर देती हैं, चाहे कोई भी रंग दिखाई दे।

क्या डार्क मोड बैटरी के लिए हमेशा बेहतर होता है?

डार्क मोड कुछ खास मामलों में ही असर डाल सकता है:

 

  • OLED या AMOLED स्क्रीन वाले डिवाइस के लिए, डार्क मोड कुछ बैटरी बचाएगा, खासकर ज्यादा ब्राइटनेस पर।
  • LCD स्क्रीन के लिए, बैटरी की बचत लगभग जीरो (0) होती है।
  • लाइट मोड में भी ब्राइटनेस कम करने से अक्सर ज्यादा ब्राइटनेस वाले डार्क मोड की तुलना में ज्यादा बैटरी बचती है।

 

कोई व्यक्ति कौन से ऐप्स, सेटिंग्स या वेबसाइट इस्तेमाल करता है, ये भी बैटरी लाइफ को सिर्फ कलर मोड से कहीं ज्यादा प्रभावित करते हैं।

डार्क मोड में आंखों को आराम 

कई लोगों के लिए, डार्क मोड आंखों के लिए ज्यादा आरामदायक होता है, खासकर जब आप किसी अंधेरे कमरे में हों।

 

आम स्क्रीन से आने वाली चमकदार सफेद रोशनी तीखी हो सकती है। चमकदार स्क्रीन और अंधेरे कमरे के बीच का तेज कंट्रास्ट आंखों को मुश्किल लग सकता है। डार्क मोड इस चमक को कम करता है, जिससे कम रोशनी में देखने में आसानी और आराम मिलता है।

 

कुछ लोग डार्क मोड इसलिए पसंद करते हैं क्योंकि इससे ब्लू लाइट कम निकलती है। स्क्रीन से आने वाली कुछ ब्लू लाइट नींद को प्रभावित कर सकती है।

लाइट मोड कब बेहतर होता है?

 

लाइट मोड हमेशा आंखों के लिए बुरा नहीं होता। धूप या बहुत ज्यादा रोशनी वाली जगहों पर, लाइट मोड का इस्तेमाल करना आसान हो सकता है, क्योंकि काले टेक्स्ट और सफेद बैकग्राउंड के बीच ज्यादा कंट्रास्ट होने से लोगों को चीजें साफ दिखाई देती हैं। अगर कोई लंबे अर्टिकल पढ़ रहा है या बाहर अपने डिवाइस का इस्तेमाल कर रहा है, तो लाइट मोड ज्यादा आरामदायक ऑप्शन हो सकता है।