इंडिया और यूके के बीच बड़ा समझौता! ब्रिटेन के इन 9 यूनिवर्सिटी को भारत में कैंपस खोलने का मिला अप्रूवल

यह पहल भारत और ब्रिटेन के बीच एजुकेशन में साझेदारी की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसका मकसद भारतीय छात्रों को बिना देश छोड़े इंटरनेशनल लेवल की पढ़ाई का मौका दिलाना है।

इंडिया और यूके के बीच बड़ा समझौता! ब्रिटेन के इन 9 यूनिवर्सिटी को भारत में कैंपस खोलने का मिला अप्रूवल

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UK universities in India: 8-9 अक्टूबर तक भारत की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर आए ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर (Keir Starmer) और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के बीच कई समझौते हुए। इनमें से एक मुख्य समझौता यह भी हुआ की यूके की 9 यूनिवर्सिटी, भारत के अलग-अलग शहरों में अपना कैंपस खोलेंगी।

 

यह पहल भारत और ब्रिटेन के बीच एजुकेशन में साझेदारी की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसका मकसद भारतीय छात्रों को बिना देश छोड़े इंटरनेशनल लेवल की पढ़ाई का मौका दिलाना है। ये सब कुछ भारत की न्यू एजुकेश पॉलिसी (New Education Policy) 2020 के हिसाब से किया जा रहा है।

 

इन 9 यूनिवर्सिटी को भारत के इन शहरों में कैंपस खोलने का मिला अप्रूवल

 

1. University of Southampton, (गुरुग्राम) - यह यूनिवर्सिटी ऑपरेशनल हो चुकी है। 

2.  Queen's Belfast University, (GIFT City, गुजरात) - अप्रूवल मिल गया

3. Coventry University, (GIFT City, गुजरात) - अप्रूवल मिल गया

4. University of Bristol, (GIFT City, गुजरात) - अप्रूवल मिल गया

5. University of Surrey, (GIFT City, गुजरात) - अप्रूवल मिल गया

6. University of York (मुंबई) - अप्रूवल मिल गया

7. University of Aberdeen (मुंबई) - अप्रूवल मिल गया

8. University of Liverpool (बेंगलुरु) - अप्रूवल मिल गया

9. University of Lancaster (बेंगलुरु) - अप्रूवल मिल गया

 

 

दो दिन की इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के नेताओं ने इंडिया-यूके कॉम्प्रिहेंसिव स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप की प्रगति की समीक्षा की, जो कि विजन 2035 रोडमैप के तहत बनाई गई है। ये 10 साल की योजना है, जिसका मकसद व्यापार, निवेश, टेक्नोलॉजी, इनोवेशन, डिफेंस, सुरक्षा, क्लाइमेट, ऊर्जा, हेल्थ, एजुकेशन और लोगों के आपसी रिश्तों को मजबूत करना है।

 

इस दौरे की खास बात ये भी रही कि यूके का अब तक का सबसे बड़ा बिजनेस डेलीगेशन भारत आया, जिससे ये साफ है कि दोनों देशों के रिश्तों में अब एक नई तेजी देखने को मिल रही है।

 

हाल ही में जो कॉम्प्रिहेंसिव इकनॉमिक एंड ट्रेड एग्रीमेंट (CETA) साइन हुआ है, उससे उम्मीद है कि आयात सस्ता होगा, युवाओं के लिए नई नौकरियों के मौके बनेंगे, व्यापार बढ़ेगा और दोनों देशों के उद्योगों और आम लोगों को फायदा मिलेगा।