लाल किला ब्लास्ट के बाद सतर्क रहें, पुरानी कार खरीदते-बेचते ऐसी गलती भारी पड़ सकती है

यह घटना एक बड़ी चेतावनी है कि पुरानी कार खरीदने-बेचने की प्रक्रिया को हल्के में लेना भविष्य में गंभीर कानूनी मुसीबत बन सकता है।

लाल किला ब्लास्ट के बाद सतर्क रहें, पुरानी कार खरीदते-बेचते ऐसी गलती भारी पड़ सकती है

लाल किला ब्लास्ट के बाद सतर्क रहें, पुरानी कार खरीदते-बेचते ऐसी गलती भारी पड़ सकती है / canva

दिल्ली के लाल किला क्षेत्र में हुए कार ब्लास्ट ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस धमाके में 13 लोगों की मौत हो चुकी है और 20 से ज्यादा घायल हैं। जांच में यह बात सामने आई कि जिस कार में विस्फोट हुआ, वह कई बार हाथ बदल चुकी थी। अब पुलिस उसके सभी पूर्व मालिकों से पूछताछ कर रही है। यह घटना एक बड़ी चेतावनी है कि पुरानी कार खरीदने-बेचने की प्रक्रिया को हल्के में लेना भविष्य में गंभीर कानूनी मुसीबत बन सकता है।

 

दरअसल वाहन का मालिकाना हक केवल एक सौदा नहीं, बल्कि कानूनी जिम्मेदारी है। बहुत से लोग कार बेचने के बाद ट्रांसफर प्रक्रिया पूरी नहीं कराते और सोचते हैं कि उनकी जिम्मेदारी खत्म हो गई, लेकिन दुर्घटना, अपराध या चालान की स्थिति में पुराना मालिक ही जिम्मेदार माना जाता है। इसी वजह से सेकेंड हैंड कार की खरीद-बिक्री में सावधानी बेहद जरूरी है।

 

इस रिपोर्ट में जानिए कि पुरानी कार खरीदते समय किन डॉक्यूमेंट्स की जांच अनिवार्य है, बेचते समय कौन सी सावधानियां जरूरी हैं और लोन वाली कार कैसे बेचें।

 

पुरानी कार खरीदने-बेचने के जरूरी नियम


मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 50 के अनुसार सेकेंड हैंड कार की खरीद-बिक्री के स्पष्ट कानून हैं ताकि स्वामित्व और जिम्मेदारी को लेकर किसी विवाद की गुंजाइश न रहे।

 

RC ट्रांसफर अनिवार्य


कार बेचने-बेचते समय फॉर्म 29 और 30 के जरिए RC नए मालिक के नाम स्थानांतरित कराना जरूरी है। जब तक RC आधिकारिक रूप से ट्रांसफर नहीं होती, पुराना मालिक ही कानूनी रूप से जिम्मेदार होता है।

 

NOC और हाइपोथिकेशन हटाना


अगर कार पर लोन है तो बैंक से NOC और हाइपोथिकेशन रिमूवल जरूरी है। लोन पूरा चुकाने के बाद ही कार स्वतंत्र रूप से बेची या ट्रांसफर की जा सकती है।

 

इंश्योरेंस ट्रांसफर


कार बेचने के साथ इंश्योरेंस पॉलिसी नए मालिक के नाम ट्रांसफर करना जरूरी है। अगर ऐसा नहीं किया गया तो दुर्घटना की स्थिति में कानूनी जिम्मेदारी पुराने मालिक पर रह सकती है।

 

PUC और टैक्स रिकॉर्ड


PUC अपडेट होना चाहिए क्योंकि बिना वैध PUC के ट्रांसफर संभव नहीं है। साथ ही यह भी जांचें कि गाड़ी पर कोई बकाया टैक्स या चालान तो नहीं है।

 

सेल लेटर और डिलीवरी नोट


हैंडओवर के समय लिखित सेल लेटर और डिलीवरी नोट बनाना जरूरी है। इसमें कीमत, तारीख, वाहन की स्थिति और जिम्मेदारियां दर्ज हों।

 

डीलर के जरिए कार खरीद-बेच रहे हैं तो क्या ध्यान रखें


किसी भी बातचीत पर भरोसा करने की बजाय लिखित एग्रीमेंट बनाएं। वाहन की पूरी डिटेल, दोनों पक्षों की पहचान, पेमेंट जानकारी और RTO ट्रांसफर की जिम्मेदारी स्पष्ट हो।

 

लोन वाली कार कैसे बेचें


लोन क्लियर कर बैंक से NOC लें।
अगर खरीदार लोन आगे चुकाना चाहता है तो बैंक की अनुमति जरूरी है।
लोन समाप्त होते ही RTO में हाइपोथिकेशन हटवाएं।
लिखित सेल एग्रीमेंट बनवाना न भूलें।

 

पुरानी कार खरीदते समय जरूरी डॉक्यूमेंट्स


RC
इंश्योरेंस
PUC
टैक्स रिकॉर्ड
सर्विस हिस्ट्री
इंजन और चेसिस नंबर
लोन क्लियरेंस (अगर लागू हो)

 

दस्तावेजों की वैधता कैसे जांचें


VAHAN पोर्टल पर RC
IIB या इंश्योरेंस कंपनी की वेबसाइट पर पॉलिसी
PUC पोर्टल पर पॉल्यूशन सर्टिफिकेट

 

ऑनलाइन प्लेटफॉर्म सुरक्षित हैं या नहीं?


OLX, Cars24, Spinny, Droom जैसे प्लेटफॉर्म सुविधाजनक जरूर हैं, लेकिन धोखाधड़ी का खतरा रहता है। फर्जी लिस्टिंग, फेक डॉक्यूमेंट और पेमेंट फ्रॉड से बचने के लिए गाड़ी का फिजिकल निरीक्षण और डॉक्यूमेंट्स की ऑनलाइन जांच जरूरी है।

 

कार बेचने के बाद ट्रांसफर कितने दिन में हो?


राज्य के अंदर 14 दिन
दूसरे राज्य में 45 दिन
समय सीमा में ट्रांसफर न कराने पर जुर्माना या कानूनी कार्रवाई संभव है।

 

RC ट्रांसफर में कितना समय लगता है?


7 से 30 दिन
फीस-दो पहिया 150–300 रुपये और चार पहिया 300–500 रुपये (राज्य अनुसार अंतर)