Gold Mutual Fund vs Gold ETF: दोनों में क्या अंतर, किसमें मिलेगा ज्यादा रिटर्न और आपके लिए क्या सही?

दोनों ही सोने की कीमत से जुड़े हैं, लेकिन इनके काम करने के तरीके अलग-अलग हैं। चलिए जानते हैं कि इन दोनों के बीच क्या अंतर है?

Gold Mutual Fund vs Gold ETF: दोनों में क्या अंतर, किसमें मिलेगा ज्यादा रिटर्न और आपके लिए क्या सही?

Gold Mutual Fund vs Gold ETF (Image Credit: Canva)

Gold Mutual Fund vs Gold ETF: पिछले कुछ महीनों से सोने की कीमतों में लगातार तेजी देखने को मिल रही है। ऐसे में लोग फिजिकल सोने के साथ-साथ गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फ़ड (ETF) और गोल्ड म्यूचुअल फंड जैसे इंवेस्टमेंट ऑप्शन में भी निवेश कर रहे हैं। 

 

दोनों ही सोने की कीमत से जुड़े हैं, लेकिन इनके काम करने के तरीके अलग-अलग हैं। चलिए जानते हैं कि इन दोनों के बीच क्या अंतर है?

 

गोल्ड ETF क्या है?

 

गोल्ड ETF एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड होता है जो सीधे 99.5% शुद्धता वाले फिजिकल सोने में निवेश करते है। गोल्ड ETF की प्रत्येक यूनिट आमतौर पर एक ग्राम सोने की कीमत के बराबर होती है और इनका कारोबार शेयरों की तरह ही स्टॉक एक्सचेंजों पर होता है। निवेशक बाजार खुलने के समय इन्हें रियल टाइम की कीमतों पर खरीद या बेच सकते हैं।

गोल्ड ईटीएफ के फायदे

  • रीयल-टाइम ट्रेडिंग: निवेशक बाजार के घंटों के दौरान कभी भी खरीद और बिक्री कर सकते हैं।
  • कम लागत: एक्सपेंस रेश्यो आमतौर पर 0.5% से 1% के बीच होता है, जिससे ये लागत-प्रभावी हो जाते हैं।
  • ट्रांसपेरेंसी: कीमतें सोने के रीयल-टाइम मार्केट वैल्यू को दर्शाती हैं।
  • भंडारण की कोई परेशानी नहीं: यह फंड आपकी ओर से सोने को सुरक्षित तिजोरियों में रखता है।

गोल्ड ईटीएफ के नुकसान

गोल्ड ईटीएफ के लिए डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट होना अनिवार्य है। 

निवेशकों को स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रांजैक्शन को मैनेज करना होता है, जो शुरुआती लोगों के लिए कम सुविधाजनक हो सकता है।

क्या है गोल्ड म्यूचुअल फंड?

गोल्ड म्यूचुअल फंड गोल्ड ईटीएफ में ही निवेश करते हैं, इसलिए निवेशकों को इसके लिए डीमैट खाते की जरूरत नहीं होती। गोल्ड म्यूचुअल फंड सोने में इनडायरेक्ट एक्सेस देता है। आप सामान्य म्यूचुअल फंड की तरह एसआईपी (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) या एकमुश्त राशि के माध्यम से निवेश कर सकते हैं।

गोल्ड म्यूचुअल फंड का फायदा

  • आसान पहुंच: बिना डीमैट खाते वाले निवेशकों के लिए अच्छा ऑप्शन है।
  • एसआईपी विकल्प: ₹500 से शुरू होने वाले छोटे, नियमित निवेश की अनुमति देता है।
  • पेशेवर मैनेजमेंट: गोल्ड ईटीएफ के प्रदर्शन पर नजर रखने वाले फंड विशेषज्ञों द्वारा मैनेज किया जाता है।

गोल्ड म्यूचुअल फंड के नुकसान

उच्च लागत: एक्सपेंस रेश्यो आमतौर पर 1% से 1.5% के बीच होता है क्योंकि इसमें ETF और फंड मैनेजमेंट फीस शामिल होते हैं।

NAV दिन में एक बार अपडेट होता है, जबकि ETF की रियल टाइम की कीमतें बदलती रहती हैं।

टैक्सेशन

गोल्ड ईटीएफ और गोल्ड म्यूचुअल फंड, दोनों पर समान टैक्स लगता है। तीन साल से ज्यादा समय तक निवेश करने पर, वे इंडेक्सेशन प्रॉफिट के साथ LTCG टैक्स भी लगता है। कम अवधि के निवेश पर, निवेशक की आय स्लैब के अनुसार STCG टैक्स लागू होता है।

कौन देते है ज्यादा रिटर्न?

रिटर्न की बात करें तो दोनों ही सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव से प्रभावित होते हैं लेकिन गोल्ड ईटीएफ कम खर्च के कारण थोड़ा अच्छा प्रदर्शन करता है। कम खर्च इसलिए क्योंकि इसमें एक्सपेंस रेश्यो और फंड मैनेजर की फीस नहीं जुड़ी हुई होती।

आपके लिए कौन सा ऑप्शन सही?

अगर आपके पास डीमैट खाता है, रीयल-टाइम ट्रेडिंग पसंद करते हैं और कम लागत चाहते हैं, तो गोल्ड ईटीएफ आपको लिए अच्छा रहेगा।

अगर आप नए निवेशक हैं, एसआईपी पसंद करते हैं, या ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म से लेन-देन नहीं करना चाहते, तो गोल्ड म्यूचुअल फंड आपके लिए सही साबित हो सकता है।

 

Disclaimer: ये आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है और इसे किसी भी तरह से इंवेस्टमेंट सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। The Headlines हिंदी अपने पाठकों को पैसों से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकारों से सलाह लेने का सुझाव देता है।