Delhi Blast Big Update- 6 दिसंबर को 32 कारों से धमाकों की साजिश, लाल किले की पहले की जा चुकी थी रेकी

केंद्र सरकार ने इस धमाके को आतंकी हमला करार दिया है। बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में लाल किला कार ब्लास्ट पर प्रस्ताव पारित किया गया।

Delhi Blast Big Update- 6 दिसंबर को 32 कारों से धमाकों की साजिश, लाल किले की पहले की जा चुकी थी रेकी

Delhi Blast Big Update- 6 दिसंबर को 32 कारों से धमाकों की साजिश, लाल किले की पहले की जा चुकी थी रेकी / website - www.livehindustan.com

लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए धमाके की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, जांच एजेंसियों को पता चला है कि आतंकी 6 दिसंबर यानी बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी के दिन दिल्ली समेत देशभर में सिलसिलेवार धमाके करने की योजना बना रहे थे। इसके लिए 32 कारों में बम और विस्फोटक भरकर एक साथ ब्लास्ट करने का प्लान था। इनमें ब्रेजा, स्विफ्ट डिजायर, इकोस्पोर्ट और आई20 जैसी गाड़ियां शामिल थीं। जांच एजेंसियां अब तक चार कारें बरामद कर चुकी हैं।

 

10 नवंबर को जिस सफेद आई20 कार में धमाका हुआ था, वह इसी “सीरियल रिवेंज अटैक” का हिस्सा थी। इस विस्फोट में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 20 लोग घायल हैं। तीन घायलों की हालत अभी भी गंभीर बताई जा रही है।

 

केंद्र सरकार ने इस धमाके को आतंकी हमला करार दिया है। बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में लाल किला कार ब्लास्ट पर प्रस्ताव पारित किया गया।

 

पुलिस के अनुसार, आतंकियों के पास एक नहीं बल्कि दो कारें थीं। बुधवार को हरियाणा के खंदावली गांव में एक लावारिस कार मिलने के बाद NSG बम निरोधक दस्ता मौके पर पहुंचा। बताया गया है कि यह कार उमर के ड्राइवर की बहन के घर के पास खड़ी थी।

 

दिल्ली ब्लास्ट जांच के तीन बड़े खुलासे 

 

पहला खुलासा - जनवरी में लाल किले की रेकी की गई थी। गिरफ्तार असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मुजम्मिल गनी और विस्फोट में मारे गए डॉ. उमर नबी जनवरी में कई बार लाल किले पहुंचे थे। उन्होंने वहां की सुरक्षा व्यवस्था और भीड़भाड़ का पैटर्न समझा था। जांच एजेंसियों को शक है कि इनकी शुरुआती योजना 26 जनवरी पर हमले की थी, जो नाकाम रही।

 

दूसरा खुलासा- 6 दिसंबर को देशभर में हमले की साजिश थी। डॉ. उमर नबी 6 दिसंबर को दिल्ली में धमाका करना चाहता था, लेकिन साथी डॉ. मुजम्मिल की गिरफ्तारी के बाद प्लान विफल हो गया। पूछताछ में पता चला है कि यह आतंकी मॉड्यूल फरीदाबाद से संचालित हो रहा था। इस मॉड्यूल में छह डॉक्टर शामिल थे। श्रीनगर निवासी डॉ. निसार नामक आरोपी अब भी फरार है। वह ‘डॉक्टर्स एसोसिएशन ऑफ कश्मीर’ का अध्यक्ष बताया जा रहा है और अल फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ा रहा था।

 

तीसरा खुलासा- विस्फोटक सामग्री जुटाने के लिए “खाद की बोरियों” का इस्तेमाल किया गया। फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी में कार्यरत डॉ. मुजम्मिल गनी अपने किराए के कमरे में खाद के कट्टों के नाम पर विस्फोटक जमा कर रहा था। जब पड़ोसियों ने पूछा तो उसने कहा कि यह खाद कश्मीर भेजनी है। पुलिस ने कमरे के पास लगे CCTV फुटेज जब्त कर लिए हैं और फॉरेंसिक जांच शुरू कर दी है।

 

यह खुलासा दिल्ली ब्लास्ट की जांच को नया मोड़ दे रहा है। एजेंसियों का मानना है कि आतंकियों की यह साजिश देशभर के प्रमुख शहरों को दहलाने की थी।