अगर आप कोई नया बिजनेस या ब्रांड शुरू करने जा रहे हैं, तो सबसे पहला कदम उसका नाम और लोगो रजिस्टर कराना होना चाहिए। अक्सर लोग सोचते हैं कि रजिस्ट्रेशन सिर्फ बड़ी कंपनियों के लिए होता है, लेकिन सच्चाई यह है कि बिना ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन के कोई भी दूसरा व्यक्ति या कंपनी आपका ब्रांड नाम इस्तेमाल कर सकती है। ऐसे में सालों की मेहनत एक झटके में बेकार हो सकती है।
क्या है ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन?
ट्रेडमार्क यानी किसी ब्रांड, कंपनी या प्रोडक्ट की पहचान। यह नाम, लोगो, टैगलाइन या डिजाइन कुछ भी हो सकता है। जब आप इसे सरकार के साथ रजिस्टर कराते हैं, तो आपको उसका कानूनी अधिकार मिल जाता है। कोई भी और व्यक्ति उसी नाम या लोगो का इस्तेमाल नहीं कर सकता।
रजिस्ट्रेशन क्यों है जरूरी?
ब्रांड की सुरक्षा - ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन के बाद कोई और आपका नाम कॉपी नहीं कर सकता। अगर कोई करता है, तो आप कानूनी एक्शन ले सकते हैं।
मार्केट में पहचान -रजिस्टर किया हुआ नाम लोगों के बीच भरोसा बनाता है और आपकी मार्केट वैल्यू बढ़ाता है।
बिजनेस की ग्रोथ में मदद - निवेशक और ग्राहक ऐसे ब्रांड्स पर भरोसा करते हैं जो कानूनी रूप से सुरक्षित हों।
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अधिकार - अगर कोई आपके नाम से सोशल मीडिया या वेबसाइट बनाता है, तो आप आसानी से शिकायत कर सकते हैं।
लंबे समय की वैल्यू - एक बार रजिस्टर हुआ ट्रेडमार्क 10 साल तक वैध रहता है और इसे बार-बार रिन्यू कराया जा सकता है।
कैसे करें ब्रांड रजिस्ट्रेशन - स्टेप बाय स्टेप प्रोसेस
स्टेप 1- सही क्लास चुनें
सबसे पहले यह तय करें कि आपका बिजनेस किस क्लास में आता है। भारत में ट्रेडमार्क की 45 क्लास हैं, जैसे कपड़ों, फूड, टेक्नोलॉजी आदि के लिए अलग-अलग कैटेगरी।
स्टेप 2- नाम की सर्च करें
IP India की वेबसाइट (ipindiaonline.gov.in) पर जाकर ट्रेडमार्क सर्च करें। इससे पता चल जाएगा कि आपके चुने नाम से कोई दूसरा ब्रांड तो पहले से रजिस्टर्ड नहीं है।
स्टेप 3- आवेदन करें (Form TM-A)
अगर नाम यूनिक है तो Form TM-A भरकर आवेदन करें। यह ऑनलाइन किया जा सकता है। व्यक्तिगत, फर्म या कंपनी के नाम से आवेदन किया जा सकता है। आवेदन के बाद आपको एक एप्लिकेशन नंबर मिलेगा, जिससे आप अपने केस की स्थिति ट्रैक कर सकते हैं।
स्टेप 4- फीस जमा करें
अगर आप व्यक्तिगत रूप से या स्टार्टअप के तौर पर आवेदन कर रहे हैं तो प्रति क्लास ₹4,500 की फीस देनी होती है। कंपनी या बड़ी संस्था के लिए यह फीस ₹9,000 प्रति क्लास होती है।
स्टेप 5- दस्तावेज तैयार रखें
आधार कार्ड या पैन कार्ड
एड्रेस प्रूफ
बिजनेस का नाम और डिटेल
लोगो या टैगलाइन की साफ इमेज
अगर ब्रांड पहले से इस्तेमाल में है तो उसका सबूत (बिल, वेबसाइट आदि)
स्टेप 6- परीक्षा और पब्लिकेशन
आवेदन जमा होने के बाद ट्रेडमार्क ऑफिस इसकी जांच करता है। अगर सब सही रहा तो आपका नाम ट्रेडमार्क जर्नल में प्रकाशित किया जाता है। चार महीने तक पब्लिक के पास आपत्ति दर्ज करने का समय होता है।
स्टेप 7-रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट प्राप्त करें
अगर कोई आपत्ति नहीं आती या हल हो जाती है, तो आपको ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट मिल जाता है। इसके बाद आप अपने ब्रांड के साथ ® का निशान इस्तेमाल कर सकते हैं।
कितना समय लगता है?
अगर आवेदन पर कोई आपत्ति नहीं आती तो 10 से 18 महीने में रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी हो जाती है। अगर किसी ने आपत्ति की तो यह प्रक्रिया थोड़ी लंबी हो सकती है।
एक छोटी सी गलती से बड़ा नुकसान
कई बार लोग बिना रजिस्ट्रेशन के बिजनेस शुरू कर देते हैं और बाद में पता चलता है कि उनका नाम पहले से किसी और के पास रजिस्टर्ड है। ऐसे में आपको नाम बदलना पड़ सकता है या कानूनी परेशानी झेलनी पड़ सकती है। इसलिए लॉन्च से पहले नाम रजिस्टर कराना सबसे जरूरी कदम है।
ब्रांड रजिस्ट्रेशन एक कानूनी औपचारिकता नहीं, बल्कि आपके बिजनेस की सुरक्षा कवच है। एक बार यह प्रक्रिया पूरी कर लेने के बाद आपका ब्रांड सुरक्षित रहता है, भरोसा बढ़ता है और मार्केट में आपकी पहचान मजबूत होती है।