Chhath Puja: 25-28 अक्टूबर तक चलने वाले छठ महापर्व का आज पहला दिन, नहाय-खाय है। छठ पूजा, सूर्य देव और उनकी बहन, छठी मैया को समर्पित एक कठोर और भक्तिपूर्ण हिंदू त्योहार है, जिसकी जड़ें भारत के प्राचीन अतीत में गहरी हैं।
नहाय-खाय के बाद 26 अक्टूबर को खरना, 27 अक्टूबर को संध्या अर्घ्य और 28 अक्टूबर को सुबह के अर्घ्य के साथ छठ महापर्व की समाप्ति होगी। छठ पूजा को मुख्यत: और बड़ी संख्या में बिहार में मनाया जाता है हालांकि अब इसे भारत के अन्य राज्य सहित विदेशों में भी बड़े आस्था के साथ मनाया जाता है।
आज छठ महापर्व के इस पावन दिन पर आपको यह जरूर जानना चाहिए की आखिर सबसे पहली बार छठ पूजा किसने किया था और भारत के कौन सी जगह पर इसे किया गया था। चलिए डिटेल में जानते हैं।
सबसे पहली बार किसने किया था छठ?
सबसे पहली बार किसने किया था इसे लेकर दो महत्वपूर्ण बातें हैं जो रामायण और महाभारत से जुड़ती हैं।
रामायण कनेक्शन
ऐसा माना जाता है कि भगवान राम की पत्नी सीता माता ने वनवास से अयोध्या लौटने के बाद पहली बार सूर्य षष्ठी (छठ पूजा) अनुष्ठान किया था। सूर्य देव की शुद्धि और पूजा का यह कार्य रामराज्य की स्थापना के लिए आशीर्वाद प्राप्त करने हेतु किया गया था।
महाभारत कनेक्शन
सूर्यदेव और कुंती के पुत्र कर्ण को सूर्यदेव का मूल उपासक बताया जाता है। अपनी भक्ति के लिए प्रसिद्ध, कर्ण प्रतिदिन जल में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य देते थे।
माना जाता है कि सूर्य पूजा की इसी अटूट प्रथा ने छठ पूजा की परंपरा की नींव रखी। इसके अलावा, ऐसा माना जाता है कि द्रौपदी और पांडवों ने भी अपने संघर्षों पर विजय पाने और अपना खोया हुआ राज्य पुनः प्राप्त करने के लिए ऋषि धौम्य की सलाह पर इसी तरह के अनुष्ठान किए थे।
सबसे पहली बार कहां हुआ था छठ?
माना जाता है कि सबसे पहली बार छठ पूजा बिहार के मुंगेर में हुआ था। यहां की एक स्थानीय परंपरा सीता मानपत्थर नामक एक खास स्थान की ओर भी इशारा करती है, जहां माना जाता है कि उन्होंने यह व्रत किया था।