21 दिन में सोना ₹10,643 और चांदी ₹30,090 सस्ती: फेस्टिव डिमांड घटने से बाजार में मंदी

इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, 7 नवंबर को सोने के भाव में ₹439 की गिरावट दर्ज की गई।

21 दिन में सोना ₹10,643 और चांदी ₹30,090 सस्ती: फेस्टिव डिमांड घटने से बाजार में मंदी

21 दिन में सोना ₹10,643 और चांदी ₹30,090 सस्ती: फेस्टिव डिमांड घटने से बाजार में मंदी / Canva

देश में सोने-चांदी की कीमतों में लगातार गिरावट जारी है। 21 दिन में सोना ₹10,643 सस्ता होकर ₹1,20,231 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है। वहीं, चांदी भी 24 दिन में ₹30,090 गिरकर ₹1,48,010 प्रति किलो हो गई है।

 

इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, 7 नवंबर को सोने के भाव में ₹439 की गिरावट दर्ज की गई। एक दिन पहले यानी 6 नवंबर को इसकी कीमत ₹1,20,670 प्रति 10 ग्राम थी। वहीं, चांदी की कीमत में आज ₹232 की गिरावट आई है। कल यह ₹1,48,242 प्रति किलो थी।

 

बता दें कि 17 अक्टूबर को सोने ने ₹1,30,874 प्रति 10 ग्राम का अब तक का सर्वोच्च स्तर छुआ था, जबकि 14 अक्टूबर को चांदी ₹1,78,100 प्रति किलो के रिकॉर्ड स्तर पर थी।

 

IBJA के रेट्स में 3% GST, मेकिंग चार्ज और ज्वेलर्स मार्जिन शामिल नहीं होता, इसलिए अलग-अलग शहरों में दामों में फर्क देखने को मिलता है। यही दरें RBI सोवरेन गोल्ड बॉन्ड और बैंकों के गोल्ड लोन रेट तय करने में आधार बनती हैं।

 

सोना-चांदी के दाम गिरने के 3 बड़े कारण

 

फेस्टिव सीजन खत्म: दिवाली और धनतेरस जैसे त्योहारों के बाद सीजनल खरीदारी थम गई, जिससे डिमांड में गिरावट आई है।

ग्लोबल टेंशन में कमी: सोना-चांदी को ‘सेफ-हेवन’ एसेट माना जाता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तनाव कम होने से इनकी खरीदारी घटी है।

प्रॉफिट बुकिंग: कीमतों में लगातार उछाल के बाद निवेशकों ने मुनाफा निकालना शुरू किया। तकनीकी संकेतकों में ओवरबॉट सिग्नल आने से भी बिकवाली बढ़ी है।

 

इस साल अब तक सोना ₹44,069 और चांदी ₹61,993 महंगी

 

31 दिसंबर 2024 को 10 ग्राम 24 कैरेट सोना ₹76,162 का था, जो अब ₹1,20,231 तक पहुंच गया है। यानी सालभर में सोना ₹44,069 महंगा हुआ।
इसी अवधि में चांदी की कीमत ₹86,017 से बढ़कर ₹1,48,010 प्रति किलो हो गई — यानी ₹61,993 का इजाफा।

 

सोना खरीदते समय रखें ये 2 बातें ध्यान में

 

सिर्फ सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें: ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) का हॉलमार्क जरूर देखें। यह सोने की शुद्धता और कैरेट की गारंटी देता है।

कीमत क्रॉस-चेक करें: खरीदारी से पहले सोने का वजन और रेट IBJA की वेबसाइट या अन्य भरोसेमंद स्रोतों से जांच लें।

 

शहरों में सोने के अलग-अलग दाम होने की 4 वजहें

 

ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट: सोना हवाई जहाज से आयात होता है और सुरक्षा के साथ अंदरूनी इलाकों तक पहुंचाया जाता है, जिससे खर्च बढ़ता है।

डिमांड का अंतर: दक्षिण भारत में कुल खपत का 40% हिस्सा है, इसलिए वहां बल्क खरीद के चलते दाम अपेक्षाकृत कम रहते हैं।

लोकल ज्वेलरी एसोसिएशन का प्रभाव: हर राज्य में अपनी एसोसिएशन होती है, जो स्थानीय बाजार के हिसाब से रेट तय करती है।

ज्वेलर्स का खरीद मूल्य: जिसने पुराना स्टॉक सस्ते में खरीदा हो, वह ग्राहकों को थोड़ा कम दाम पर बेच सकता है।