क्या है भारतनेट प्रोजेक्ट? साल 2025 में कहां तक पहुंचा काम और आप अपने घर पर इसे कैसे लगवा सकते है - पढ़िए पूरी डिटेल

इस आर्टिकल में हम आपको इस प्रोजेक्ट के बारे में सब कुछ बताएंगे साथ ही आप यह भी जान पाएंगे कि इस प्रोजेक्ट का वर्तमान में क्या हाल है और इससे कितने गांव तक इंटरनेट की सुविधा पहुंची है। चलिए पूरी डिटेल में जानते हैं।

क्या है भारतनेट प्रोजेक्ट? साल 2025 में कहां तक पहुंचा काम और आप अपने घर पर इसे कैसे लगवा सकते है - पढ़िए पूरी डिटेल

भारतनेट के बारे में जानिए पूरी जानकारी वो भी आसान शब्दों में

BharatNet Project: भारत तेजी से डिजिटल इंडिया बन रहा है। ऐसे में देश भर के लोगों के लिए इंटरनेट अब जरूरी हो गया है। शहरों में तो हाई स्पीड इंटरनेट के लिए फाइबर केबल, एयरफाइबर और मोबाइल नेटवर्क की सुविधा आसानी से उपलब्ध हो जाती है लेकिन भारत के ग्रामीण इलाकों में अभी भी हाई स्पीड इंटरनेट की सुविधा नहीं पहुंच पाई है। इसी कमी को पूरा करने के लिए भारत सरकार ने साल 2011 में भारतनेट (BharatNet) प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी।

इस आर्टिकल में हम आपको इस प्रोजेक्ट के बारे में सब कुछ बताएंगे साथ ही आप यह भी जान पाएंगे कि इस प्रोजेक्ट का वर्तमान में क्या हाल है और इससे कितने गांव तक इंटरनेट की सुविधा पहुंची है। चलिए पूरी डिटेल में जानते हैं। 

 

क्या है भारतनेट प्रोजेक्ट?

भारतनेट, दुनिया की सबसे बड़ी ग्रामीण टेलीकॉम प्रोजेक्ट में से एक है, जिसे देश के सभी ग्राम पंचायतों (लगभग 2.5 लाख) में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है ताकि सभी टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी तक बिना किसी भेदभाव के पहुंच प्रदान की जा सके। 

इस प्रोजेक्ट को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 25 अक्टूबर 2011 को मंजूरी दी है। प्रोजेक्ट का एग्जिक्यूशन भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड (बीबीएनएल) द्वारा किया जा रहा है। पीआईबी के एक प्रेस रिलीज के मुताबिक भारतनेट प्रोजेक्ट का कुल बजट फेज 1 और फेज 2 को मिलाकर 42,068 करोड़ रुपये है। 31 दिसंबर 2023 तक 39,825 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं।

क्या है इस प्रोजेक्ट का मकसद?

इस प्रोजेक्ट का मकसद मोबाइल ऑपरेटरों, इंटरनेट सेवा प्रोवाइडरों (ISP), केबल टीवी ऑपरेटरों, कंटेंट प्रोवाइडरों को ग्रामीण और दूरदराज के भारत में ई-स्वास्थ्य, ई-शिक्षा और ई-गवर्नेंस जैसी विभिन्न सर्विस को लॉन्च करने में सक्षम बनाना है। 

जून 2025 तक क्या है इस प्रोजेक्ट का हाल?

सरकार की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक 26 जून 2025 तक भारतनेट प्रोजेक्ट के माध्यम से 2,14,325 ग्राम पंचायतों को जोड़ा जा चुका है और 6,93,303 किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाई जा चुकी है। इसके अलावा 12,81,564 फाइबर-टू-द-होम (FTTH) कनेक्शन चालू किए जा चुके हैं और लास्ट माइल कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए 1,04,574 वाई-फाई हॉटस्पॉट लगाए जा चुके हैं।

 

भारतनेट प्रोजेक्ट फेज 1

देश के सभी ग्राम पंचायतों को जोड़ने का काम फेज दर फेज काम चल रहा है जिसमें फेज 1 पूरा हो चुका है और फेज 2 चल रहा है। 

 

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 25 अक्टूबर 2011 को नेशनल ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क (NOFN, जिसे अब भारतनेट कहा जाता है) के निर्माण के लिए परियोजना को मंजूरी दी थी, जिसका उद्देश्य भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL), रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (RailTel) और पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड जैसी सरकारी कंपनियों के मौजूदा फाइबर का उपयोग करके ब्लॉक मुख्यालयों (बीएचक्यू) को ग्राम पंचायत स्तर पर ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करना और ग्राम पंचायत तक कनेक्टिविटी अंतर को कम करने के लिए फाइबर बिछाना है।

 

सरकार के पास Optical Fibre Cable (OFC) का स्वामित्व है, और मौजूदा फाइबर का स्वामित्व वर्तमान मालिकों के पास ही रहेगा। इसे भारतनेट का पहला चरण माना गया। दिसंबर 2017 में फेज 1 पूरा हो गया था और 1 लाख से अधिक ग्राम पंचायतों में इसे लागू किया गया था। 

 

इसके बाद, 19 जुलाई 2017 को कैबिनेट की मंजूरी के अनुसार फेज 1 का दायरा बढ़ाकर 1.25 लाख ग्राम पंचायत कर दिया गया था।

 

भारतनेट प्रोजेक्ट फेज 2

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 19 जुलाई 2017 को भारतनेट के लिए संशोधित रणनीति को मंजूरी दी। संशोधित रणनीति ग्राम पंचायतों को जोड़ने के लिए मीडिया (ओएफसी, रेडियो और सैटेलाइट) का एक मिश्रण प्रदान करती है। फेज 2 के तहत, ग्राम पंचायतों को राज्य-नेतृत्व वाले मॉडल, निजी क्षेत्र के मॉडल और CPSU मॉडल जैसे कई मॉडल के माध्यम से जोड़ा जाना है, साथ ही वाई-फाई या किसी अन्य ब्रॉडबैंड तकनीक के माध्यम से ग्राम पंचायत में लास्ट माइल कनेक्टिविटी भी शामिल है।

 

फेज 2 के विभिन्न मॉडलों के तहत शामिल विभिन्न राज्य हैं:

 

राज्य-आधारित मॉडल: इस मॉडल के तहत 8 राज्यों में भारतनेट प्रोजेक्ट से जुड़ा काम किया जा रहा है। इनमें छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और तेलंगाना शामिल है।

CPSU-आधारित मॉडल: इस मॉडल के तहत, बीएसएनएल चार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में काम कर रहा है। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और सिक्किम में काम अभी अलग-अलग स्टेज में है।

प्राइवेट आधारित वाले मॉडल: पंजाब और बिहार ने BBNL द्वारा सीधे निजी क्षेत्र के मॉडल को लागू किया है। दोनों राज्यों में काम लगभग पूरा हो चुका है।

सैटेलाइट: फेज 2 का सैटेलाइट कंपोनेंट BBNL और BSNL द्वारा एग्जिक्यूट किया जा रहा है। बीएसएनएल 1408 ग्राम पंचायतों का काम कर रहा है और बीबीएनएल 3753 ग्राम पंचायतों का काम कर रहा है।

अगर आपको घर में भारतनेट का फाइबर केबल लगवाना है तो क्या करें?

अगर आप अपने घर में भारतनेट का इंटरनेट कनेक्शन लगवाना चाहते हैं कि BSNL जैसे सर्विस प्रोवाइर को कॉल कर यह पूछें की आपका एरिया में भारतनेट के लिए पात्र है या नहीं। अगर हां तो अपने सर्विस प्रोवाइडर द्वारा बताए गए जरूरी निर्देशों का पालन कर इंटरनेट कनेक्शन लगवा लें।