02 May 2025
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आज केदारनाथ धाम के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए गए हैं। जहां हजारों श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा है। इसी मैके पर आज हम आपको केदारनाथ की पवित्र कथा बताएंगे।
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केदारनाथ धाम का जिक्र महाभारत काल से मिलता है। कहा जाता है कि पांडवों ने महाभारत के युद्ध में किए अपने पापों के प्रायश्चित के लिए यहां पर भगवान शिव की तपस्या की थी।
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कहते है कि पांडवों से बचने के लिए शिवजी ने भैंसे का रूप धारण किया। भीम ने भैंसे की पूंछ पकड़ ली और तब शिवजी का पीठ भाग यहीं प्रकट हुआ, जहां आज केदारनाथ मंदिर स्थित है.
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एक अन्य मान्यता ये भी है कि 8वीं सदी में जगद्गुरु आदि शंकराचार्य ने केदारनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया। इसके बाद यह मंदिर विश्वभर में प्रसिद्ध हुआ।
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2013 में केदारनाथ में भयंकर बाढ़ आई थी जिसने सब कुछ तहस- नहस कर दिया था, लेकिन मंदिर रहस्यमयी रूप से सुरक्षित रहा, जिसके बाद भक्तों ने इसे महादेव की कृपा बताया
बाढ़ के दौरान एक विशाल शिला मंदिर के पीछे आकर रुक गई। इसने पानी का बहाव बदल दिया और मंदिर को बचा लिया. आज इसे ‘भीमशिला’ कहा जाता है और इसे भी पूजा जाता है ।
हर साल लाखों श्रद्धालु कठिन यात्रा करके केदारनाथ पहुंचते हैं और शिवजी का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.
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केदारनाथ धाम के कपाट अगले छह महीने के लिए खुल गए हैं। तो क्या आप तैयार हैं शिव भक्ति की इस अद्भुत यात्रा के लिए?
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