26 August 2025
Image Credit: Canva
दुनिया भर के धर्म, परलोक के बारे में अलग-अलग दृष्टिकोण बताते हैं। कुछ सुकून देने वाले होते है तो कुछ रहस्यमय होते हैं।
Image Credit: Canva
किसी व्यक्ति की मृत्यु होने के बाद हिंदू धर्म पुनर्जन्म और कर्म की बात कहता है। हिंदू धर्म के मुताबिक आत्मा कभी नहीं मरती वह एक नए शरीर में पुनर्जन्म लेती है। हिंदू धर्म के मुताबिक किसी का अगला जीवन कर्मों पर निर्भर करता है - अच्छे या बुरे कर्म। इसका अंतिम लक्ष्य मोक्ष यानी पुनर्जन्म से मुक्ति है।
Image Credit: Canva
ईसाई धर्म के मुताबिक किसी व्यक्ति की मृत्यु होने के बाद उसे स्वर्ग या नर्क में भेजा जाता है। ईसाई मृत्यु के बाद अनंत जीवन में विश्वास करते हैं। व्यक्ति की आस्था और कर्मों के आधार पर, आत्मा स्वर्ग (पुरस्कार) या नर्क (दंड) में जाती है।
Image Credit: Canva
इस्लाम धर्म किसी व्यक्ति की मृत्यु होने के बाद कयामत के दिन की बात कहता है। मुसलमान आख़िरत यानी परलोक में विश्वास करते हैं। मृत्यु के बाद, आत्माएं कयामत के दिन तक बरजख में प्रतीक्षा करती हैं और फिर, अपने कर्मों के आधार पर, वे जन्नत (स्वर्ग) या जहन्नम (नरक) में प्रवेश करती हैं।
Image Credit: Canva
बौद्ध धर्म पुनर्जन्म के चक्र की बात कहता है। हिंदू धर्म की तरह, बौद्ध धर्म भी पुनर्जन्म की शिक्षा देता है। इसका लक्ष्य निर्वाण प्राप्त करना, दुख और पुनर्जन्म का अंत करना है।
Image Credit: Canva
यहूदी धर्म अधोलोक और परलोक की बात कहता है। पारंपरिक यहूदी धर्म अधोलोक, एक छायादार परलोक की बात करता है। कई लोग भविष्य में पुनरुत्थान और परलोक (ओलम हा-बा) में विश्वास करते हैं। परलोक के विवरण की तुलना में धार्मिक जीवन पर अधिक ध्यान दिया जाता है।
Image Credit: Canva
सिखों का मानना है कि आत्मा अमर है। मृत्यु के बाद, आत्मा कर्म के आधार पर पुनर्जन्म के चक्रों से गुजर सकती है। हिंदू धर्म के मुताबिक इसका भी अंतिम लक्ष्य मुक्ति प्राप्त करना है, यानी सभी दुखों से आजादी और परमात्मा (वाहेगुरु) के साथ एक हो जाना।
Image Credit: Canva
जैन एक शाश्वत आत्मा (जीव) में विश्वास करते हैं जो जन्म और मृत्यु के अनंत चक्रों से गुजरती है। अहिंसा और सत्य के माध्यम से, आत्मा मोक्ष प्राप्त कर सकती है - इस चक्र से मुक्ति, अनंत आनंद और ज्ञान की स्थिति तक पहुंच सकती है।
Image Credit: Canva