19 November 2025
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सुब्रह्मण्य षष्ठी : यह स्कंद षष्ठी या मुरुगन षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। माना जाता है कि इस दिन पर भगवान मुरुगन की विशेष पूजा और व्रत करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं कि नवंबर 2025 में सुब्रह्मण्य षष्ठी कब मनाई जाएगी और क्या है पुजा की विधि
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हर माह की शुक्ल षष्ठी को मनाया जाता है स्कंद षष्ठी का पर्व। इस दिन विशेष रूप से की जाती है भगवान कार्तिकेय की पूजा। भगवान स्कंद की पूजा से साधक के सभी कष्ट दूर होते हैं ।
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भगवान स्कंद को मुरुगन और सुब्रहमन्य आदि के नाम से भी जाना जाता है। सुब्रह्मण्य षष्ठी के दिन भगवान स्कंद के निमित्त व्रत रखने और पूजा करने से भक्तों को सुख, समृद्धि और विजय की प्राप्ति होती है। दक्षिण भारत में इस पर्व को विशेष रूप से मनाया जाता है।
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सुब्रह्मण्य षष्ठी 2025 का शुभ मुहूर्त: मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि 25 नवंबर को रात 10 बजकर 56 मिनट पर हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन 27 नवंबर देर रात 12 बजकर 1 मिनट पर होगा। ऐसे में मार्गशीर्ष माह में सुब्रह्मण्य षष्ठी का पर्व बुधवार 26 नवंबर को मनाया जाएगा।
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सुब्रह्मण्य षष्ठी पूजा विधि: सुब्रह्मण्य षष्ठी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत हो जाएं। इसके बाद स्कंद भगवान का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें। पूजा स्थल की साफ-सफाई कर, एक चौकी पर भगवान कार्तिकेय की मूर्ति या फिर तस्वीर स्थापित करें। भगवान कार्तिकेय के साथ-साथ समस्त शिव परिवार की भी पूजा-अर्चना करें।
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पूजा में कार्तिकेय भगवान को फूल, चंदन, धूप, दीप और नैवेद्य आदि अर्पित करें, फल, मिठाई आदि का भोग लगाएं। इस दिन पूजा में मोरपंख भी अर्पित करें, क्योंकि यह भगवान कार्तिकेय को प्रिय माना गया है। अंत में स्कंद भगवान के मंत्रों व आरती का पाठ करें और सभी लोगों में प्रसाद बांटें।
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इस दिन कार्तिकेय गायत्री मंत्र का जाप अवश्य करें
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