19 July 2025
सावन का महीना शुरू हो चुका है जिसके चलते शिवालयों में भक्तों का जनसैलाब देखने को मिल रहा है। कावड़ियां कांवड़ लेकर हरिद्वार और शिवधाम पहुंच रहे हैं।
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सावन के महीने में श्रद्धालु शिव मंदिरों में अपनी अर्जी लगा रहे है तो वहीं एक शिव मंदिर ऐसा भी है, जहां कोई भक्त कदम तक रखना नहीं चाहता क्योंकि ये शिव मंदिर श्रापित है।
ये श्रापित शिव मंदिर उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के कस्बे थल में स्थित है, जिसका नाम है: "एक हथिया देवाल"
इस शिव मंदिर को लेकर किंवदंतियां मशहूर है। कहा जात है कि इस गांव में एक मूर्तिकार रहता था जो पत्थरों को काटकर मूर्तियां बनाता था, लेकिन एक हादसे में उसका एक हाथ खराब हो गया। उस मूर्तिकार का कुछ गांव वालों ने मजाक बनाया कि अब वो एक हाथ से क्या ही कर लेगा, जिसके बाद मूर्तिकार ने तय किया की वो दूसरे गांव में जाकर बस जाएगा।
मूर्तिकार अपने औजारों के साथ गांव के दक्षिणी छोर की ओर निकल गया जिस स्थान को गांव के लोग शौच के लिए इस्तेमाल करते थे। वहां एक चट्टान पड़ी थी जिसके काटकर रातों रात मूर्तिकार ने मंदिर बना दिया।
अगले दिन सुबह जब गांव वाले शौच के लिए आए तब उन्होंने जो देखा उनकी आंखें फटी की फटी रह गई, क्योंकि रातों रात किसी ने वहां मंदिर बना दिया था। गांव वालों ने उस मूर्तीकार को खुब ढूंढा लेकिन वो कहीं नहीं मिला जिसने एक हाथ से इस मंदिर को बनाया था।
गांव वालों ने जब मंदिर के अंदर जाकर देखा तो पता चला की मंदिर के अंदर बनाया गया शिवलिंग और मूर्ति जल्दबाजी में बनाया गया है जिसके चलते शिवलिंग का अरघा विपरीत दिशा में बन गया है।
पंडितों ने बताया कि शिवलिंग का अरघा विपरीत दिशा में होने के कारण इस शिवलिंग की पूजा फलदायक नहीं होगा और इसकी पूजा करने से बुरा हो सकता है, यानी आप बर्बाद हो सकते हैं।
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