दिल्ली में लाल किला के पास 10 नवंबर को हुए धमाके की जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। सुरक्षा एजेंसियों ने जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े एक नए ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ का पर्दाफाश किया है, जिसमें डॉक्टर, प्रोफेसर और महिला सदस्य शामिल थे। जांच में सामने आया कि यह नेटवर्क मेडिकल और एजुकेशनल प्रोफेशन की आड़ में एक्टिव था और इसके तार हरियाणा के फरीदाबाद, जम्मू-कश्मीर के पुलवामा और उत्तर प्रदेश के सहारनपुर तक फैले थे।
सूत्रों के अनुसार, यह नेटवर्क 4 अक्टूबर को सक्रिय हुआ था जब सहारनपुर में डॉ. आदिल की शादी डॉ. रुकैया से हुई थी। शादी में कुछ संदिग्ध मेहमान शामिल थे, जिनकी पहचान एजेंसियां अब कर रही हैं। शादी के बाद ग्रुप ने सेना को धमकाने वाले पोस्टर लगाने, हथियार जुटाने और फंडिंग का नेटवर्क तैयार करना शुरू कर दिया था।
जांच का पहला सुराग कश्मीर के नौगाम इलाके से मिला, जहां 19 अक्टूबर को जैश के धमकी भरे पोस्टर दिखाई दिए। इसके बाद 27 अक्टूबर को 25 से ज्यादा पोस्टर फिर लगे। 50 अफसरों की टीम ने करीब 60 CCTV कैमरों की फुटेज खंगाली, जिसमें डॉ. आदिल को पोस्टर वाले इलाकों में घूमते देखा गया। फोन सर्विलांस से पता चला कि वह पाकिस्तानी हैंडलर्स के संपर्क में था।
6 नवंबर को एजेंसियों ने सहारनपुर से आदिल को गिरफ्तार किया। उसके पास से AK-47 राइफल, ग्रेनेड और विस्फोटक बरामद हुए। पूछताछ में उसने बताया कि फरीदाबाद में पढ़ाने वाले उसके साथी डॉ. मुजम्मिल के पास भारी मात्रा में विस्फोटक छिपा है। 9 नवंबर को जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीम ने फरीदाबाद पहुंचकर डॉ. मुजम्मिल को गिरफ्तार किया।
मुजम्मिल और उसका दोस्त डॉ. उमर नबी, दोनों पुलवामा जिले के कोइल गांव के रहने वाले हैं। दोनों ने साथ पढ़ाई की, डॉक्टर बने और बाद में आतंकी संगठनों के संपर्क में आ गए। अब मुजम्मिल गिरफ्तार है, जबकि उमर धमाके में मारा गया। गांव के लोग इन दोनों के आतंक के रास्ते पर जाने से सदमे में हैं।
इस नेटवर्क की अहम कड़ी रही डॉ. शाहीन सईद, जो मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर से संपर्क में थी। वह महिला आतंकी विंग ‘जमात-उल-मोमिनात’ से जुड़ी थी। शाहीन को फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी से गिरफ्तार कर श्रीनगर ले जाया गया। वह इलाहाबाद मेडिकल कॉलेज से MBBS करने के बाद कानपुर मेडिकल कॉलेज में 7 साल तक असिस्टेंट प्रोफेसर रही थी। 2021 में वह अचानक नौकरी छोड़कर गायब हो गई थी और बाद में पाक हैंडलर्स के संपर्क में आई।
UP ATS ने अब शाहीन के भाई डॉ. परवेज को भी लखनऊ से गिरफ्तार किया है, जो इंटीग्रल मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर था। माना जा रहा है कि यह नेटवर्क लंबे समय से देशभर में फंडिंग और हथियार सप्लाई के लिए मेडिकल सेक्टर की आड़ में काम कर रहा था।
इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली धमाके की जांच NIA को सौंप दी है। मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हाई-लेवल मीटिंग हुई, जिसमें NIA, IB और जम्मू-कश्मीर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। वहीं, मंत्रालय ने शाम को एक और समीक्षा बैठक कर आगे की रणनीति तय की।
(नोट- धमाके में अमोनियम नाइट्रेट के इस्तेमाल और संदिग्ध के खुद को उड़ाने की खबर की अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।)